आप कौन हैं? आप कौन हैं इसका संबंध इस बात से है कि आप कहां से आए हैं।एक मूर्तिकार बहुत ही दिलचस्प तरीके से काम करता हैI एक कलाकार उनसे अलग ढंग से देखता है जो कलाकार नहीं हैंI एक कलाकार आपके सामने वाले यार्ड में पत्थर के पास चलता है और एक इस में आकृति देख देखता है । वह एक रत्न देखता हैI वह आपके घर रुकता है और आपसे उस पत्थर की मांग करता है जो आपके पास हैI जिस पर आप बिना ध्यान दिए कई आप बार गुज़रते हैं। हो सकता है कि कुत्ते उस पर कुछ कर रहे हों।हो सकता है कि आप इससे छुटकारा पाने की योजना भी बना रहे हों क्योंकि यह एक उपद्रव है, अपशिष्ट पदार्थ हैI लेकिन कलाकार आपके आँगन में चलकर उस पत्थर में कुछ ऐसा सुंदर आकृति देखता है, एक रत्न देखता है,जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। एक मूर्तिकार बहुत अलग ढंग से देखता है।लोग कहते हैं कि माइकल एंजेलो कई दिनों तक संगमरमर के एक खंड के चारों ओर घूमता था – बस उसके चारों ओर घूमता था, वह स्वयं से बातें करता था । पहले वह पत्थर में आकृति देखता था; फिर वह जाकर उन्हें बाहर निकालता था। One man’s junk is another man’s jewel.एक व्यक्ति का कूड़ा दूसरे व्यक्ति का रत्न है।
The potential is stored within us.
स्वामी विदेश जाते समय अपने सेवकों को बुलाया और उन्हें अपनी सम्पत्ति सौंप दी। उसने प्रत्येक की योग्यता का ध्यान रख कर एक सेवक को पाँच हज़ार, दूसरे को दो हज़ार और तीसरे को एक हज़ार अशर्फियाँ दीं। इसके बाद वह विदेश चला गया। जिसे पाँच हज़ार अशर्फि़यां मिली थीं, उसने तुरन्त जा कर उनके साथ लेन-देन किया तथा और पाँच हज़ार अशर्फियाँ कमा लीं। इसी तरह जिसे दो हजार अशर्फि़याँ मिली थी, उसने और दो हज़ार कमा ली। लेकिन जिसे एक हज़ार अशर्फि़याँ मिली थी, वह गया और उसने भूमि खोद कर अपने स्वामी का धन छिपा दिया। “बहुत समय बाद उन सेवकों के स्वामी ने लौट कर उन से लेखा लिया। जिसे पाँच हजार असर्फियाँ मिली थीं, उसने और पाँच हजार ला कर कहा, ’स्वामी! आपने मुझे पाँच हजार असर्फियाँ सौंपी थीं। देखिए, मैंने और पाँच हजार कमायीं।’ उसके स्वामी ने उस से कहा, ’शाबाश, भले और ईमानदार सेवक! तुम थोड़े में ईमानदार रहे, मैं तुम्हें बहुत पर नियुक्त करूँगा। अपने स्वामी के आनन्द के सहभागी बनो।’ इसके बाद वह आया, जिसे दो हजार अशर्फि़याँ मिली थीं। उसने कहा, ’स्वामी! आपने मुझे दो हज़ार अशर्फि़याँ सौंपी थीं। देखिए, मैंने और दो हज़ार कमायीं।’ उसके स्वामी ने उस से कहा, ’शाबाश, भले और ईमानदार सेवक! तुम थोड़े में ईमानदार रहे, मैं तुम्हें बहुत पर नियुक्त करूँगा। अपने स्वामी के आनन्द के सहभागी बनो।’ अन्त में वह आया, जिसे एक हज़ार अशर्फियाँ मिली थीं, उसने कहा, ’स्वामी! मुझे मालूम था कि आप कठोर हैं। आपने जहाँ नहीं बोया, वहाँ लुनते हैं और जहाँ नहीं बिखेरा, वहाँ बटोरते हैं। इसलिए मैं डर गया और मैंने जा कर अपना धन भूमि में छिपा दिया। देखिए, यह आपका है, इस लौटाता हूँ।’ स्वामी ने उसे उत्तर दिया, ’दुष्ट! तुझे मालूम था कि मैंने जहाँ नहीं बोया, वहाँ लुनता हूँ और जहाँ नहीं बिखेरा, वहाँ बटोरता हूँ, तो तुझे मेरा धन महाजनों के यहाँ जमा करना चाहिए था। तब मैं लौटने पर उसे सूद के साथ वसूल कर लेता। इसलिए ये हज़ार अशर्फियाँ इस से ले लो और जिसके पास दस हज़ार हैं, उसी को दे दो; क्योंकि जिसके पास कुछ है, उसी को और दिया जायेगा और उसके पास बहुत हो जायेगा; लेकिन जिसके पास कुछ नहीं है, उस से वह भी ले लिया जायेगा, जो उसके पास है।और इस निकम्मे सेवक को बाहर, अन्धकार में फेंक दो। वहाँ वे लोग रोयेंगे और दाँत पीसते रहेंगे।
जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी मृत्यु नहीं, बल्कि…एक ऐसा जीवन जिसने कभी अपनी पूरी क्षमता का एहसास नहीं किया। आपको आज ही निर्णय लेना होगा कि दुनिया का समृद्ध, मूल्यवान, शक्तिशाली, अप्रयुक्त संसाधनों को बंद दरवाजे से बाहर निकलना होगाI आपके अंदर जो प्रतिभा हैं, इसकी कभी कोई सेवानिवृत्ति नहीं होती, ना ही ये बाटने से ख़त्म होती है।
मानव क्षमता के क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि हम अपनी क्षमताओं का केवल दस प्रतिशत ही उपयोग करते हैं। हमारी नब्बे प्रतिशत क्षमताएं निष्क्रिय और बर्बाद पड़ी हैं।एक बीज, जब तक कि वह एक पेड़ नहीं बन जाता है, वह बीज केवल पेड़ बनने का प्रतिज्ञा मात्रा हैI एक बीज में जंगल बनाने की क्षमता हैंI एक पेड़ पर आप क्या देखते हैं? सुंदर पक्षी, पक्षियों का घोसला, स्वादिस्ट फल आकर्षक फूल, कुर्सी, टेबल, पलंग, सोफा, दरवाजा या पुरा घर? संभावनाएँ अपार हैंI
आप में से हर कोई इस दुनिया में एक कार्य पूरा करने आयें है । आप असिमित प्रतिभा से भरे हैंI जितना आप पहले कर चुके हैं, उससे कई गुना अधिक करने की क्षमता हैंI आपका धरती पर आना मात्र ही प्रमाण है कि पृथ्वी को आपकी जरूरत थी, आपकी प्रतिभा की जरूरत थीIकोई भी चीज़ पल भर में नहीं होता है।आप एक ही दिन में बच्चा पैदा नहीं कर सकते है। आपका बच्चा एक दिन में जवान नहीं हो जाता है। ईश्वर कोई ready-made मानव जाति नहीं बनायी- पृथ्वी को पल भर में जनसंख्या से नहीं भरी। ईश्वर एक व्यक्ति बनाया-लाखों लोग नहीं।उन्होंने एक बीज से शुरुआत की. फिर उस एक से उस ने दूसरा उत्पन्न किया।फिर उसने उन बीजों से कहा, “तुम्हें आशीर्वाद देता हूँफूलो-फलो, बढ़ो, और पृय्वी में भर जाओ।”
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आज आप जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके कितने समाधान आपके किसी परिचित के साथ दफना दिया गया?लोग अपनी पूरी क्षमता का उपयोग किये बिना ही मर जाते हैं।उनमें जो कुछ भी संसार की भलाई के लिए संग्रहित किया गया था, वे उपयोग करने में विफल रहते हैं। साथियो सोचिये,यदि आप पैदा नहीं हुए होते तो दुनिया ने क्या खोया होता?
जब संसार आपको ठुकरा देती है,अस्वीकार कर देती है, जब संसार आपको त्याग देती है और अस्वीकार कर देती है, और आप संसार के कूड़े के ढेर पर पहुँच जाते हो,तब ईश्वर आपके साथ चलते हैं और आपको उठा लेते हैं। वह आपके भीतर गहराई से देखते हैं और एक महान व्यक्ति, एक बहुत मूल्यवान व्यक्ति को देखते हैं। आप कबाड़ नहीं हैंIक्या आप देख सकते हैं,आपमें क्या है? क्या आप अपनी क्षमता जानते हैं?आपमें अपार संभावनाएं हैं।”कभी भी किसी को खुद को बर्बाद न करने दें। आप बेकार नहीं हैं, आप कबाड़ नहीं हैं। जब ईश्वर आपकी ओर देखता है, तो वह ऐसी चीजें देखता है जिन्हें बाकी सभी लोग नजरअंदाज कर देते हैं।आप बहुत मूल्यवान हैं,ईश्वर आपको बचाने और पुनः प्राप्त करने के लिए लहु बहाएI ईश्वर ने आपके लिए खुद को बलिदान कर दीयेI ईश्वर आपके लिए अपने प्राणों की आहुति दी है I आपकी आत्मा से जुड़ी ईश्वर की आत्मा ही आपके मूल्य का एकमात्र सच्चा निर्णायक है।दूसरों की राय को स्वीकार न करें क्योंकि वे वह नहीं देखते जो ईश्वर देखता है।जब ईश्वर आपकी ओर देखता है,वह ऐसी चीज़ें देखता है जिन्हें बाकी सभी लोग नज़रअंदाज कर देते हैं।
यहोवा ने शमूएल से कहा, “तुम शाऊल के लिये कब तक दुःखी रहोगे? मैंने शाऊल को इस्राएल का राजा होना अस्वीकार कर दिया है! अपनी सींग तेल से भरो और चल पड़ो। मैं तुम्हें यिशै नाम के एक व्यक्ति के पास भेज रहा हूँ। यिशै बेतलेहेम में रहता है। मैंने उसके पुत्रों में से एक को नया राजा चुना हैं।”किन्तु शमूएल ने कहा, “यदि मैं जाऊँ, तो शाऊल इस समाचार को सुनेगा। तब वह मुझे मार डालने का प्रयत्न करेगा।”यहोवा ने कहा, “बेतलेहेम जाओ। एक बछड़ा अपने साथ ले जाओ। यह कहो, ‘मैं यहोवा को बलि चढ़ाने आया हूँ।’ 3 यिशै को बलि के समय आमंत्रित करो। तब मैं तुम्हें बताऊँगा कि तुम्हें क्या करना है। तुम्हें उस व्यक्ति का अभिषेक करना चाहिये जिसे मैं दिखाऊँ।”शमूएल ने वही किया जो यहोवा ने उसे करने को कहा था। शमूएल बेतलेहेम गया। बेतलेहेम के बुजुर्ग भय से काँप उठे। वे शमूएल से मिले और उन्होंने उससे पूछा, “क्या आप शान्तिपूर्वक आए हैं?”शमूएल ने उत्तर दिया, “हाँ, मैं शान्तिपूर्वक आया हूँ। मैं यहोवा को बलि—भेंट करने आया हूँ। अपने को तैयार करो और मेरे साथ बलि—भेंट में आओ।” शमूएल ने यिशै और उसके पुत्रों को तैयार किया। तब शमूएल ने उन्हें आने और बलि—भेंट में भाग लेने के लिये आमन्त्रित किया।जब यिशै और उसके पुत्र आए, तो शमूएल ने एलीआब को देखा। शमूएल ने सोचा, “निश्चय ही यही वह व्यक्ति है जिसे यहोवा ने चुना है।”किन्तु यहोवा ने शमूएल से कहा, “एलीआब लम्बा और सुन्दर है किन्तु उसके बारे में मत सोचो। एलीआब लम्बा है किन्तु उसके बारे में मत सोचो। परमेश्वर उस चीज़ को नहीं देखता जिसे साधारण व्यक्ति देखते हैं। लोग व्यक्ति के बाहरी रूप को देखते हैं, किन्तु यहोवा व्यक्ति के हृदय को देखता है। एलीआब उचित व्यक्ति नहीं है।”तब यिशै ने अपने दूसरे पुत्र अबीनादाब को बुलाया। अबीनादाब शमूएल के पास से गुजरा। किन्तु शमूएल ने कहा, “नहीं, यह भी वह व्यक्ति नहीं है कि जिसे यहोवा ने चुना है।”
तब यिशै ने शम्मा को शमूएल के पास से गुजरने को कहा। किन्तु शमूएल ने कहा, “नहीं, यहोवा ने इस व्यक्ति को भी नहीं चुना है।”यिशै ने अपने सात पुत्रों को शमूएल को दिखाया। किन्तु शमूएल ने यिशै को कहा, “यहोवा ने इन व्यक्तियों में से किसी को भी नहीं चुना है।”तब शमूएल ने यिशै से पूछा, “क्या तुम्हारे सभी पुत्र ये ही हैं?” यिशै ने उत्तर दिया, “नहीं, मेरा सबसे छोटा एक और पुत्र है, किन्तु वह भेड़ों की रखवाली कर रहा है।”शमूएल ने कहा, “उसे बुलाओ। उसे यहाँ लाओ। हम लोग तब तक खाने नहीं बैठेंगे जब तक वह आ नहीं जाता।”यिशै ने किसी को अपने सबसे छोटे पुत्र को लाने के लिये भेजा। यह पुत्र सुन्दर और सुनहरे बालों वाला[a] युवक था। यह बहुत सुन्दर था।यहोवा ने समूएल से कहा, “उठो, इसका अभिषेक करो। यही है वह।”शमूएल ने तेल से भरा सींग उठाया और उस विशेष तेल को यिशै के सबसे छोटे पुत्र के सिर पर उसके भाईयों के सामने डाल दिया। उस दिन से यहोवा की आत्मा दाऊद पर तीव्रता से आती रही। तब शमूएल रामा को लौट गया।
ध्यान दें कि ईश्वर ने उस बेटे को चुना जो बाहर काम कर रहा था।वह व्यस्त था। ईश्वर व्यस्त लोगों को चुनते हैं. शायद आप ही वह व्यक्ति हैं जिसका ईश्वर घर में इंतजार कर रहे हैं। ईश्वर आपके भीतर गहराई से वह चीज़ें देखता है जो दूसरे नहीं देख सकते।वे आपकी ओर देखते हैं और देखते हैं जिसे कोई नहीं दिखता; ईश्वर आपकी ओर देखते हैं और किसी सार्थक व्यक्ति को देखते हैं । एक महान व्यक्ति, एक बहुत मूल्यवान व्यक्ति को देखते हैं।
अपना पूरा जीवन दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए-यह साबित करने की कोशिश में बिताते कि आप खास हैं, कुछ अलग हैं, और फिर महसूस करते हैं, जैसे आप कुछ नहीं है। आज ही से इस विचार से मुक्त हो जाइये! You do not have to live with that any longer. आपको दूसरे व्यक्ति जैसा बनने का प्रयास करने की आवश्यकता नहीं है। दूसरे व्यक्ति जैसा बनने का प्रयास मत करियेIआप एक महान व्यक्ति, एक बहुत मूल्यवान व्यक्ति हैंI
जब ईश्वर ने इंसानों को बनाया, तो उन्होंने खुद से बात की, तब ईश्वर ने कहा, “आओ हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार, अपनी समानता में बनाएं…”इसलिए ईश्वर ने मनुष्य को अपनी छवि में बनाया, अपने सदृश, अपना प्रतिरूप बनायाI ईश्वर की छवि में जिसे उसने बनाया उसे; नर और नारी के रूप में उनकी सृष्टि कीI Never use the creation to find out who you are, because the purpose of something is only in the mind of the One who created it/ made it.आप कौन हैं यह जानने के लिए कभी भी रचना का उपयोग न करें, क्योंकि केवल रचनाकार को ही,अपनी रचना के उद्देश्य के बारे में पता रहता हैI
ईश्वर सर्वज्ञ है – वह सब कुछ जानने वाला है। ईश्वर सर्वव्यापी है- वह हर जगह मौजूद हैं। ईश्वर सर्वशक्तिमान है – ईश्वर सदैव शक्तिशाली है।ईश्वर ने अपनी सारी सृष्टि को शक्तिशाली बनने की वही क्षमता दी, जो खुद ईश्वर में है। वह प्रत्येक व्यक्ति या वस्तु के भीतर, जिसे उसने बनाया है—जिसमें आप भी शामिल हैं— किसी एक क्षण में उससे कहीं अधिक होने की क्षमता दी है। इस प्रकार ईश्वर ने आपको सर्वशक्तिमान बनाया है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप ईश्वर के बराबर हैं। नहीं, मैं जो कह रहा हूं वह सर्वशक्तिमान शब्द का संबंध न केवल ईश्वर से है, बल्कि आप से भी है।आप सदैव संभावनाओं से भरे हुए हैं। आपकी क्षमता सुप्त क्षमता है, आरक्षित शक्ति, अप्रयुक्त शक्ति और अप्रयुक्त सफलता ईश्वर ने आपमेसे प्रत्येक के लिए डिज़ाइन की है।
जब मैं आपको देखता हूं तो जो देखता हूं वह आप नहीं है । मैं वही देख पता हुं जो आप अब तक बने हैं। आपकी क्षमता बहुत अधिक है,आप अभी जो हैं उससे कहीं अधिक I आप जो बनेंगे, उससे कहीं अधिक हैI आपमें इतनी क्षमता है,आप कभी विश्वास नहीं कर सकते। आपका अस्तित्व हैं क्योंकि आप ईश्वर से निकले हैं, और उसने अपने अस्तित्व का कुछ अंश आपमें छोड़ दिया है। ईश्वर आपमें क्या देखते हैं? मुझे आश्चर्य है कि ईश्वर आपके चारों ओर घूमते समय क्या देखते हैं? मुझे यकीन है कि वह आपमें ख़ूबसूरत चीज़ें देखते हैं, अपार संभावना को देखते हैंI लेकिन आप दूसरे लोगों पर विश्वास करते हैIजब लोग कहते हैं: “आप अच्छे नहीं हो। आप कभी भी कुछ नहीं बन पाओगे।आप उस पर विश्वास करते हैंI
” ईश्वर कह रहे हैं: “मुझे एक रत्न दिखाई दे रहा है।” आप कच्चे हीरे हैं। रहिए! बस आप उस पर विश्वास करते रहिए, आप ईश्वर पर विश्वास करते रहिए, अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहिए। याद रखिये कि दूसरों ने आपके बारे में जो कुछ कहा है, उससे कहीं अधिक मूल्यवान आपके अंदर कुछ है। सृष्टि से जुड़कर आप स्वयं को कभी नहीं जान पायेंगेIकेवल रचयिता (निर्माता) से ही जोड़ीयेI आप अभी जो हैं, आपकी क्षमता उससे कहीं अधिक है। आपकी क्षमता केवल ईश्वर द्वारा सीमित है, दूसरों द्वारा नहीं।